छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में दसवीं अतिरिक्त सत्र और जिला अदालत ने एक दर्दनाक फैसले में 34 वर्षीय उमेंद केवट को अपनी पत्नी और तीन नाबालिग बच्चों की नृशंस हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई। अदालत ने अपराध की चरम प्रकृति के कारण मामले को “दुर्लभतम में से दुर्लभतम” श्रेणी में आने वाला घोषित किया।
मंगलवार को न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी द्वारा सुनाया गया यह फैसला सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद आया, जिसके परिणामस्वरूप इस साल जनवरी में हुई जघन्य हत्याओं के लिए दोषी ठहराया गया। अदालत के फैसले के अनुसार, केवट को फांसी की सजा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, अदालत ने दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
यह अपराध 1 जनवरी को हुआ था, जब केवट ने विवाहेतर संबंध के संदेह के चलते गुस्से में आकर अपनी 32 वर्षीय पत्नी सुकृता और उनके बच्चों – खुशी (5), लिसा (3) और पवन (18 महीने) की मस्तूरी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत हिर्री गांव में अपने घर में गला घोंटकर हत्या कर दी थी। मामले की कार्यवाही 29 जुलाई को सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत द्वारा अपना आदेश सुरक्षित रखने के साथ समाप्त हुई और इस मंगलवार को अंतिम फैसला सुनाया गया।