शराब ठेकों पर हाईकोर्ट की रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी चंडीगढ़ प्रशासन

चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है, जिसमें शहर में 1 अप्रैल से सभी शराब के ठेकों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। यह फैसला हाल ही में हुई ई-नीलामी में एक ही परिवार द्वारा 90% ठेके जीतने के आरोपों के चलते लिया गया था, जिसे वित्त वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति का उल्लंघन माना गया है।

यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस संबंध में कानूनी कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दे दी है, और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर किए जाने की संभावना है। मामला उस समय तूल पकड़ गया जब कई याचिकाओं में यह आरोप लगाया गया कि यूटी आबकारी और कराधान विभाग द्वारा आयोजित नीलामी में एक ही परिवार और उससे जुड़े लोगों ने 96 में से 87 शराब ठेकों पर कब्जा जमा लिया।

हाईकोर्ट के बुधवार के आदेश के अनुसार, अब कोई भी शराब का ठेका 3 अप्रैल तक संचालित नहीं हो सकेगा, जब इस मामले की अगली सुनवाई होनी है। यह रोक ऐसे समय में आई है जब 31 मार्च को वित्त वर्ष समाप्त हो रहा है, और मौजूदा लाइसेंसधारियों को संचालन बंद करना अनिवार्य होगा, जिससे 1 से 3 अप्रैल तक शराब बिक्री पूरी तरह ठप रहेगी।

Video thumbnail

कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव आत्माराम और अमित झांजी ने दलील दी कि यह याचिकाएं महज कुछ ठेकेदारों की चाल हैं, ताकि वे अपने मौजूदा ठेकों को नए वित्त वर्ष में भी जारी रख सकें। उन्होंने तर्क दिया कि ई-नीलामी पूरी पारदर्शिता और निर्धारित नीति के तहत आयोजित की गई थी।

न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूर्ति विकास सूरी की खंडपीठ ने निर्देश दिया है कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, 2025-26 के आबकारी वर्ष के लिए यथास्थिति बनाए रखी जाए। इस आदेश के चलते 1 अप्रैल से लागू होने वाली नई आबकारी नीति को भी फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने टीएन बीजेपी प्रमुख अन्नामलाई के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक सितंबर तक बढ़ा दी है

गौरतलब है कि 21 मार्च को हुई ई-नीलामी में 97 में से 96 शराब ठेकों की सफल बोली लगी, जिससे प्रशासन को ₹606 करोड़ की आय हुई, जो कि आरक्षित मूल्य ₹439 करोड़ से 36% अधिक है। अब यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन की याचिका पर क्या रुख अपनाया जाता है।

Ad 20- WhatsApp Banner
READ ALSO  परिवार कराना चाहता था बेटी की 52 साल के व्यक्ति से शादीः हाईकोर्ट ने कहा परिवार नहीं थोप सकता अपना निर्णय

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles