कलकत्ता हाईकोर्ट ने नंदीग्राम में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ 47 एफआईआर की जांच पर रोक लगाई

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज 47 एफआईआर की जांच पर अंतरिम रोक लगा दी है। ये एफआईआर लोकसभा चुनाव के समय तामलुक में दर्ज की गई थीं, जिसके कारण राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप लगे थे।

न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने राज्य सरकार को एफआईआर के पीछे दुर्भावनापूर्ण इरादे के दावों को संबोधित करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि लगभग एक महीने पहले दर्ज की गई एफआईआर की प्रारंभिक जांच अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी, जिससे इस स्तर पर आगे की पुलिस जांच की आवश्यकता समाप्त हो गई।

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और नौ अन्य भाजपा सदस्यों सहित याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले और बाद में 40 दिनों के भीतर दर्ज की गई एफआईआर राजनीति से प्रेरित थीं। उन्होंने तर्क दिया कि ज्यादातर बशीर अहमद द्वारा दर्ज की गई शिकायतों में उन पर बिना किसी आधार के हमला करने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया था।

अधिकारी और उनके सह-याचिकाकर्ताओं ने राज्य पुलिस द्वारा पक्षपातपूर्ण व्यवहार किए जाने के डर से या तो एफआईआर को रद्द करने या जांच को एक स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि एफआईआर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा थे।

Also Read

राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अधिकारी को पिछले मामले मेंहाईकोर्ट द्वारा संरक्षण प्रदान किया गया था, जिसने अदालत की अनुमति के बिना उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से रोक दिया था। दत्ता ने यह भी तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा जांच को किसी अन्य एजेंसी को सौंपने के लिए कोई ठोस कारण प्रस्तुत नहीं किया गया और आश्वासन दिया कि चल रही जांच निष्पक्ष है, जिसमें कोई अंधाधुंध गिरफ्तारी नहीं हुई है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles