कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश: WBSSC SLST 2025 परीक्षार्थियों की OMR शीट सार्वजनिक करे; 2016 पैनल की अवधि खत्म होने के बाद हुई नियुक्तियों की सूची भी मांगी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) को निर्देश दिया कि वह SLST 2025 की कक्षाएं 9–10 और 11–12 के लिए आयोजित लिखित परीक्षाओं में शामिल सभी उम्मीदवारों की OMR शीट सार्वजनिक डोमेन में अपलोड करे। अदालत ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू से ही पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए ताकि किसी भी तरह की अवैधता की गुंजाइश न रहे।

न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि चयन प्रक्रिया का हर चरण साफ और जांच योग्य होना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।

OMR शीट सार्वजनिक करने का आदेश

अदालत ने WBSSC को निर्देश दिया कि सभी परीक्षार्थियों की OMR शीट वेबसाइट पर डाली जाए ताकि “किसी को किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई शिकायत न रहे।” यह आदेश SLST 2025 की कक्षाओं 9–10 और 11–12 की लिखित परीक्षा के सभी उम्मीदवारों पर लागू होगा।

2016 पैनल समाप्त होने के बाद की नियुक्तियों की सूची मांगी

न्यायमूर्ति सिन्हा ने आयोग से यह भी कहा कि वह उन सभी उम्मीदवारों की सूची अदालत में पेश करे जिन्हें 2016 SLST पैनल की अवधि खत्म होने के बाद नियुक्त किया गया था।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की महिला सरपंच को बहाल किया, उत्पीड़न के लिए राज्य पर जुर्माना लगाया

अदालत ने रिकॉर्ड के आधार पर कहा कि—

  • कक्षाओं 11–12 का चयन पैनल नवंबर 2018 में समाप्त हो गया था
  • कक्षाओं 9–10 का चयन पैनल मार्च 2019 में समाप्त हो गया था

इन तिथियों के बाद की गई नियुक्तियों को अदालत पहले ही अवैध घोषित कर चुकी है।

याचियों का आरोप: “दागी उम्मीदवार” SLST 2025 में शामिल किए जा रहे

SLST 2025 के परीक्षार्थी और याची, जिनकी ओर से अधिवक्ता सुदीप्तो दासगुप्ता पेश हुए, ने आरोप लगाया कि—

  • 2016 पैनल की मियाद खत्म होने के बाद नियुक्त किए गए “दागी उम्मीदवार” अभी भी SLST 2025 भर्ती प्रक्रिया में शामिल किए जा रहे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी दागी उम्मीदवार भर्ती परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकता, और यदि कोई गलती से शामिल हो जाए, तो सत्यापन के बाद उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी।
  • SSC ने केवल OMR मिसमैच वाले उम्मीदवारों की दागी सूची प्रकाशित की है, लेकिन पैनल समाप्ति के बाद नियुक्त लोगों को शामिल नहीं किया गया है।
READ ALSO  क्या मेंटेनेंस ट्रिब्यूनल वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति से बच्चों, रिश्तेदारों या तीसरे व्यक्ति को बेदखल कर सकता है? इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने दिया जवाब

दासगुप्ता ने यह भी आग्रह किया कि आयोग दागी उम्मीदवारों की श्रेणी स्पष्ट रूप से बताए—चाहे मामला रैंक में हेरफेर का हो, या पैनल एक्सपायरी के बाद की नियुक्ति का, या किसी अन्य वजह का।

अगली सुनवाई 10 दिसंबर को

WBSSC को अगली सुनवाई में अदालत के निर्देशों के अनुपालन पर रिपोर्ट देनी होगी और मांगी गई सूचियाँ प्रस्तुत करनी होंगी।

READ ALSO  दहेज हत्या में दोषी पति हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 25 के तहत मृतक पत्नी की संपत्ति के उत्तराधिकार से अयोग्य: बॉम्बे हाईकोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles