कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के लगभग 32,000 प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों की सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली अपीलों पर सुनवाई 21 अगस्त को फिर से होगी।
न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति रीतोब्रतो कुमार मित्रा की खंडपीठ इस मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई थी। कार्यवाही के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और भर्ती प्रक्रिया के बीच अंतर पर जोर दिया, जबकि न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने योग्य उम्मीदवारों की पहचान सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर टिप्पणी की।
यह मामला 12 मई, 2023 के उस आदेश से जुड़ा है जिसमें न्यायमूर्ति अभिजीत गांगोपाध्याय ने लगभग 32,000 उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द करने का निर्देश दिया था। इन उम्मीदवारों को 2014 की टीईटी के आधार पर 2016 में प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन नियुक्ति के समय उन्होंने अनिवार्य शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा नहीं किया था।

खंडपीठ ने पहले एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए शिक्षकों को फिलहाल सेवा में बने रहने की अनुमति दी थी। सोमवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के उस पूर्व आदेश का भी उल्लेख किया गया, जिसमें कहा गया था कि अंतिम निर्णय से पहले सभी प्रभावित पक्षों के बयान सुने जाने चाहिए, साथ ही हाई कोर्ट के उस पुराने आदेश का भी हवाला दिया गया जिसमें एक साथ 32,000 नौकरियां समाप्त करने के मुद्दे पर विचार किया गया था।
दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 अगस्त की तारीख तय की।