कोलकाता हाईकोर्ट ने गुरुवार को वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय की पश्चिम बंगाल विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी। अदालत ने माना कि रॉय ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर दलबदल कानून का उल्लंघन किया।
यह आदेश जस्टिस देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और बीजेपी विधायक अंबिका रॉय की याचिकाओं पर सुनाया।
मुकुल रॉय मई 2021 में बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। लेकिन तीन महीने बाद ही, अगस्त 2021 में वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
इसी परिवर्तन को आधार बनाकर सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उन्होंने रॉय को अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज कर दी थी।
अधिकारी का कहना था कि बीजेपी के टिकट पर चुने जाने के बाद रॉय का टीएमसी में जाना स्पष्ट दलबदल है। विधानसभा अध्यक्ष ने हालांकि इस याचिका को खारिज कर दिया था।
गुरुवार को हाईकोर्ट ने स्पीकर के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि रॉय दलबदल कानून के तहत अयोग्यता के पात्र हैं। इसी के साथ अदालत ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी।
अदालत ने सुवेंदु अधिकारी और अंबिका रॉय दोनों की याचिकाएं स्वीकार करते हुए स्पीकर के आदेश को रद्द कर दिया।
इस प्रकार, मुकुल रॉय अब दलबदल कानून के तहत पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित हो गए हैं।




