गृह मंत्री अमित शाह पर नियुक्ति से पहले फेसबुक पर एक पोस्ट करना महंगा साबित हुआ, ऑफिसर के खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वारी बैठाली गयी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमे याचिकर्ता ने उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उस पर एक फ़ूड कंपनी के खिलाफ कार्यवाही न करने पर डिपार्टमेंटल जांच बैठाली गई थी।
कंपनी पर आरोप है कि वह खान पीन की वस्तुओं को बेहद खराब क्वालिटी में उत्पादन कर रही है।
याचिकाकर्ता ने 11 सिंतबर 2020 के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी। याची अधिकारी को बाराबंकी से ट्रांसफर करके लखनऊ हेडक्वार्टर भेज दिया गया था, जहाँ पर वह पदनामित अधिकारी के रूप में तैनात था।
याचिकाकर्ता पर आरोप यह है कि उसने अमित शाह पर आपत्तिजनक पोस्ट फ़ेस्बुक पर किए थे।
याचिकाकर्ता के वकील की दलील-
कोर्ट के समक्ष याची के वकील ने अपनी दलील रखते हुए यह कहा कि याची द्वारा फेसबुक पोस्ट नियुक्ति से पहले किया गया था, इसलिए यह ट्रांसफर का आधार नहीं हो सकता
कोर्ट की प्रतिक्रिया-
Allahabad High Court ने 11 सिंतबर 2020 के आदेश में अमित शाह के खिलाफ फेसबुक पोस्ट का जिक्र करने को उचित नहीं माना ।
हाईकोर्ट ने यह पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ ये भी आरोप है कि उनसे कंपनी के खिलाफ ईमानदारी से कार्यवाही नही की है इसलिए याचिकाकर्ता के खिलाफ चल रही विभागीय जांच पर स्टे नही लगा सकता।
हाईकोर्ट ने 11 सिंतबर के आदेश में की गई टिप्पणियों को देखते हुए इस आदेश को रद्द कर तत्काल प्रभाव से पुनः विचार करने के आदेश दिए हैं।