कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों के लोगों को सॉल्ट लेक स्थित सेंट्रल पार्क के पास प्रदर्शन करने की सशर्त अनुमति दी। यह प्रदर्शन पिछले महीने मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध के दौरान भड़की साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर हो रहा है, जिसमें तीन लोगों की जान गई थी।
न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने निर्देश दिया कि प्रदर्शन में अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकते हैं और इसे अपराह्न 4 बजे तक समाप्त करना होगा। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदर्शन के चलते आम लोगों की आवाजाही या यातायात बाधित नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (WBHRC) के अध्यक्ष या उनके द्वारा नियुक्त अधिकारी को ज्ञापन सौंपने की भी अनुमति दी गई।

प्रदर्शनकारी पहले WBHRC कार्यालय के सामने धरना देने की अनुमति मांग रहे थे, लेकिन अदालत ने उस स्थान पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। इसके बाद सभी पक्षों की सहमति से प्रदर्शन का स्थान सेंट्रल पार्क के पास तय किया गया।
यह प्रदर्शन अप्रैल के दूसरे सप्ताह में मुर्शिदाबाद में हुए हिंसक घटनाक्रम के विरोध में है, जब वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध के दौरान साम्प्रदायिक तनाव भड़क गया था। हिंसा में एक व्यक्ति और उसके बेटे सहित तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
अदालत का यह आदेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सार्वजनिक व्यवस्था के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को दर्शाता है।