दक्षिण महाराष्ट्र के लोगों को न्याय तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से बॉम्बे हाईकोर्ट अब कोल्हापुर में भी अपनी न्यायिक बैठकों का आयोजन करेगा। मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 18 अगस्त 2025 से कोल्हापुर को उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और पीठों के लिए अतिरिक्त स्थान के रूप में नामित किया गया है। यह आदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 51(3) के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है और महाराष्ट्र के राज्यपाल की स्वीकृति से अधिसूचित किया गया है। अधिसूचना महाराष्ट्र गजट (असाधारण भाग IV-C, अधिसूचना क्रमांक 41) में 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित की गई।
इस निर्णय के साथ ही कोल्हापुर बॉम्बे हाईकोर्ट की कार्यवाही के लिए मुंबई के प्रधान पीठ और नागपुर, औरंगाबाद व पणजी (गोवा) के स्थायी खंडपीठों के अलावा पाँचवां स्थान बन जाएगा।
न्याय वितरण प्रणाली का विकेंद्रीकरण
बॉम्बे हाईकोर्ट भारत के सबसे पुराने और प्रमुख उच्च न्यायालयों में से एक है, जिसकी अधिकार क्षेत्र महाराष्ट्र, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली व दमन दीव तक फैला हुआ है। इस व्यापक क्षेत्र में प्रभावी न्याय वितरण सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने अपने कार्य को विभिन्न स्थानों में विकेंद्रित किया है:

- प्रधान पीठ – मुंबई: उच्च न्यायालय का मुख्यालय
- खंडपीठ – नागपुर: विदर्भ क्षेत्र के जिलों के लिए
- खंडपीठ – औरंगाबाद: मराठवाड़ा क्षेत्र के मामलों के लिए
- खंडपीठ – पणजी (गोवा): गोवा राज्य के मामलों की सुनवाई
- नया स्थान – कोल्हापुर: दक्षिण महाराष्ट्र के लिए, 18 अगस्त से शुरू होंगी कार्यवाहियां
कोल्हापुर में बैठकों की शुरुआत से दक्षिण महाराष्ट्र के वादकारियों को मुंबई आने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट में कुल स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 94 है, जिसमें 71 स्थायी और 23 अतिरिक्त न्यायाधीश शामिल हैं। हालांकि, वर्तमान में केवल 66 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जो मंजूर क्षमता से काफी कम है। यह न्यायिक कार्यवाही की गति और मामलों के निपटारे को प्रभावित करता है।