बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक 18 वर्षीय युवती की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उसने आरोप लगाया कि 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद भी उसकी मतदाता पंजीकरण की आवेदन-पत्र स्वीकार नहीं की गई, जिससे उसे आगामी नगर निगम चुनावों में मतदान करने से वंचित किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता रूपिका सिंह ने अदालत को बताया कि उन्होंने अप्रैल 2025 में 18 वर्ष की आयु पूरी की, लेकिन जब उन्होंने ऑनलाइन आवेदन करने की कोशिश की तो प्रणाली ने उसे अस्वीकार कर दिया, क्योंकि महाराष्ट्र में मतदाता सूची की कट-ऑफ तारीख 1 अक्टूबर 2024 तय की गई थी। उसी सूची के आधार पर नवंबर 2024 में विधानसभा चुनाव आयोजित हुए थे।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से एडवोकेट अशुतोष कुम्बकोनी ने न्यायमूर्ति आर. आई. छागला और फरहान दुबाश की खंडपीठ को बताया कि निगम चुनावों के लिए वही मतदाता सूची अपनाई जाएगी जो विधानसभा चुनाव में प्रयुक्त हुई थी।
याचिका में कहा गया है कि सभी नगर निगमों की प्रारंभिक मतदाता सूची 6 नवंबर को प्रकाशित की जाएगी, और यदि रूपिका का नाम शामिल नहीं किया गया तो वह बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आगामी चुनावों में मतदान नहीं कर सकेंगी।
रूपिका ने तर्क दिया कि उनके आवेदन को अस्वीकार करना उनके मतदान के वैधानिक अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है, क्योंकि मतदान भी अभिव्यक्ति का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल पर आवेदन करते समय उन्हें तिथि चुनने का विकल्प ही नहीं मिला, क्योंकि प्रणाली में 2 अक्टूबर 2024 के बाद 18 वर्ष पूरे करने वाले नागरिकों के लिए कोई विकल्प नहीं था।
उन्होंने ऑफलाइन आवेदन की भी कोशिश की, लेकिन वह भी अस्वीकार कर दी गई। बाद में उन्हें जानकारी मिली कि 1 जुलाई 2025 को स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अगली पात्रता कट-ऑफ तिथि घोषित की गई है, जिसका अर्थ है कि अब वे इस साल के नगर निगम चुनावों में मतदान नहीं कर पाएंगी।
याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दे कि उनका आवेदन निर्धारित समय सीमा में स्वीकार और प्रक्रिया में लाया जाए, तथा राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दे कि मामले के निपटारे तक उनके नाम को मतदाता सूची में शामिल किया जाए।
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई गुरुवार के लिए निर्धारित की है।

                                    
 
        


