बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने बुधवार को बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड को जमानत देने से इनकार कर दिया। इस आदेश के बाद कराड फिलहाल बीड जिला जेल में ही रहेगा, जबकि मामले की आगे की सुनवाई और जांच जारी है।
कराड की जमानत याचिका पर पिछले कई दिनों से हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। उसके वकील धनंजय पाटिल ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से अदालत के सामने यह दलील रखी गई थी कि मामले में कॉल डिटेल रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं और कराड की सीधे तौर पर हत्या में भूमिका नहीं बताई जा सकती। इसके बावजूद अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया। हालांकि, हाईकोर्ट का विस्तृत आदेश अभी जारी होना बाकी है।
यह मामला दिसंबर 9 को सामने आया था, जब बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का कथित तौर पर अपहरण कर उन्हें प्रताड़ित किया गया और बाद में उनकी हत्या कर दी गई। आरोप है कि देशमुख एक ऊर्जा कंपनी से जुड़ी कथित वसूली की कोशिश का विरोध कर रहे थे, इसी के चलते उन्हें निशाना बनाया गया।
अब तक इस सनसनीखेज मामले में वाल्मिक कराड समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिवंगत सरपंच के भाई धनंजय देशमुख ने जमानत खारिज होने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि इस आदेश के साथ ही मामले में न्याय की दिशा में प्रक्रिया शुरू हुई है। साथ ही उन्होंने एनसीपी नेता धनंजय मुंडे को दोबारा राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की किसी भी संभावना का विरोध भी जताया।
गौरतलब है कि धनंजय मुंडे ने इसी वर्ष मार्च में मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, जब वाल्मिक कराड, जिन्हें उनका करीबी माना जाता है, ने इस मामले में आत्मसमर्पण किया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

