बॉम्बे हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवाद में बच्ची को साथ ले जाने पर पिता को फटकार लगाई, मां को सौंपने का आदेश

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति द्वारा अपनी नाबालिग बेटी को अलग रह रही पत्नी की कस्टडी से ले जाने की घटना को “अत्यंत निंदनीय” करार दिया और दोनों माता-पिता को निर्देश दिया कि वे अपनी आपसी लड़ाई में बच्चे को न घसीटें। कोर्ट ने बच्ची को तुरंत मां को सौंपने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति कमल खाटा और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की अवकाशकालीन पीठ उस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें महिला ने आरोप लगाया था कि उसके पति ने जबरन पांच साल की बेटी को उसके पास से ले लिया है और वापस करने से इनकार कर रहा है।

कोर्ट के मंगलवार को जारी निर्देशों के बाद बुधवार को व्यक्ति बच्ची के साथ अदालत में पेश हुआ। उसने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उसने बच्ची को जबरदस्ती नहीं ले जाया। हालांकि, पीठ ने उसकी हरकत पर गहरी नाराजगी जताई।

Video thumbnail

कोर्ट ने टिप्पणी की, “यह अत्यंत निंदनीय है। कल्पना करें, उस बच्ची पर क्या बीती होगी। रात के समय पिता ने बच्ची को मां या मौसी से छीन लिया और अब कह रहा है कि उसने बल प्रयोग नहीं किया।”

अदालत ने बच्ची को तत्काल मां के पास सौंपने का निर्देश दिया और पिता को हर शनिवार बच्ची से मुलाकात करने का अधिकार दिया।

READ ALSO  समाज के विकास के लिए सभी वर्गो का विकास आवश्यक: जस्टिस संजय किशन कौल

पीठ ने दोनों माता-पिता को सख्त संदेश देते हुए कहा, “अपनी आपसी लड़ाई में बच्चे को शामिल न करें।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles