मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसा: वकील ने हाई कोर्ट रुख किया, एफआईआर की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की

एक वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के संबंध में महाराष्ट्र में दर्ज सभी एफआईआर को केंद्रीय जांच ब्यूरो या किसी अन्य विशेष एजेंसी को हस्तांतरित करने की मांग की है।

याचिका वकील गुणरत्न सदावर्ते द्वारा दायर की गई थी, जो पहले मराठा आरक्षण का विरोध करने वाली याचिकाओं के एक समूह में पेश हुए थे।

याचिका में सदावर्ते ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं के खिलाफ पिछले दो महीनों में भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन और जालना में दर्ज की गई 28 एफआईआर को सीबीआई को सौंपने की मांग की है।

याचिका में दावा किया गया है कि हालांकि हिंसा को कार्यकर्ता मनोज जारांगे-पाटिल ने भड़काया है, लेकिन उनके राजनीतिक संबंधों के कारण किसी भी एफआईआर में उनका नाम नहीं लिया गया है।

सदावर्ते ने हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए आंदोलनकारियों पर जिम्मेदारी तय करने की भी मांग की है।

याचिका में राज्य सरकार को उन व्यक्तियों को मुआवजा देने का निर्देश देने की भी मांग की गई जिनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।

READ ALSO  बॉम्बे हाईकोर्ट ने बैंक के प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी, जिसने पति और पत्नी को उनके वैवाहिक विवाद सुधारने की नीयत से कांटैक्ट डेटेल्स दिया था

पिछले हफ्ते, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले कुछ लोगों ने सदावर्ते के दो वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।

सदावर्ते द्वारा शुक्रवार को हाई कोर्ट के समक्ष याचिका का उल्लेख करने की संभावना है।

Related Articles

Latest Articles