₹2.5 लाख की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कस्टम अधिकारी को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ₹2.5 लाख की रिश्वत के एक मामले में गिरफ्तार कस्टम अधीक्षक विनीत धत्तरवाल को जमानत दे दी है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उन्हें जनवरी में गिरफ्तार किया था। अदालत ने यह कहते हुए जमानत दी कि धत्तरवाल लगभग दो महीने से जेल में हैं और अब जबकि जांच पूरी हो चुकी है, उनकी आगे की हिरासत आवश्यक नहीं है।

न्यायमूर्ति एन. आर. बोरकर की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा, “आवेदक लगभग दो महीने से जेल में है। चूंकि जांच पूरी हो चुकी है, इसलिए अब उसकी आगे की हिरासत की आवश्यकता नहीं है। मामले की संपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए, मैं आवेदक को जमानत पर रिहा करने के पक्ष में हूं।”

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धत्तरवाल को सोमवार को रिहा किया गया, जब हाईकोर्ट का आदेश वेबसाइट पर अपलोड किया गया। यह जानकारी उनके अधिवक्ता डॉ. सुजय कांतावाला ने दी।

CBI ने यह मामला 21 नवंबर 2024 को वडोदरा स्थित एक केमिकल आयातक कंपनी के प्रतिनिधि की शिकायत के आधार पर दर्ज किया था। शिकायत में आरोप था कि धत्तरवाल ने दुबई के जेबेल अली पोर्ट से आई केमिकल की एक खेप को जेएनपीए (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी) पर क्लीयर कराने के बदले ₹4 लाख की रिश्वत मांगी थी, जिसे बाद में ₹2.5 लाख पर तय किया गया।

CBI के अनुसार, धत्तरवाल ने जानबूझकर खेप को रोका और परीक्षण के लिए सैंपल भेजे। कस्टम लैब की मंजूरी के बाद खेप को छोड़ा गया।

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धत्तरवाल ने अपने बचाव में अदालत में कहा कि वह निर्दोष हैं और बतौर अधीक्षक उनकी भूमिका सीमित थी। उनके अधिवक्ता ने कहा कि जहां वे तैनात थे, उस विभाग का अंतिम निर्णय आयुक्त (कस्टम) द्वारा लिया जाता है और अधीक्षक का कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं होता। इसलिए, रिश्वत मांगने का प्रश्न ही नहीं उठता।

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