बॉम्बे हाईकोर्ट ने बांद्रा रिक्लेमेशन भूमि पर निजी विकास के खिलाफ दायर जनहित याचिकाएँ खारिज कीं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन दो जनहित याचिकाओं (PILs) को खारिज कर दिया जिनमें महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत अदाणी समूह को बांद्रा रिक्लेमेशन की भूमि पर निजी विकास की अनुमति दी गई है।

ये याचिकाएँ सामाजिक कार्यकर्ता ज़ोरु बाथेना और बांद्रा रिक्लेमेशन एरिया वॉलंटियर्स ऑर्गेनाइजेशन (BRAVO) ने दायर की थीं। उनका कहना था कि यह परियोजना कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन (CRZ) नियमों का उल्लंघन करती है और इस भूमि को एक हरित क्षेत्र (ग्रीन स्पेस) के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए।

READ ALSO  मद्रास हाईकोर्ट ने जबरन संपत्ति कब्ज़ा करने के लिए अधिवक्ताओं को फटकार लगाई

महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MSRDC) ने इस भूमि को निजी विकास के लिए अनुमति दी थी। अदाणी समूह और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि विवादित भूमि CRZ क्षेत्र से बाहर है, इसलिए उस पर निर्माण की अनुमति है।

Video thumbnail

बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने भी इस परियोजना का समर्थन किया और अदालत को बताया कि उसने अदाणी समूह को बांद्रा रिक्लेमेशन की 28 एकड़ भूमि पर आवासीय इमारत के निर्माण की मंजूरी पहले ही दे दी है। निगम ने स्पष्ट किया कि यह भूमि CRZ नियमों के दायरे में नहीं आती।

READ ALSO  तमिलनाडु कांग्रेस ने पीएम के चुनावी भाषणों के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाएँ खारिज कर दीं, जिससे अदाणी समूह को बांद्रा रिक्लेमेशन की भूमि पर अपने प्रस्तावित विकास कार्य को आगे बढ़ाने की राह मिल गई।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट  ने बॉम्बे हाईकोर्ट को महाराष्ट्र स्लम पुनर्विकास कानून का ऑडिट करने का निर्देश दिया

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles