हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा बीएमसी वार्ड परिसीमन को उलटने के खिलाफ दो याचिकाओं को खारिज कर दिया

बंबई हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के वार्डों का परिसीमन 236 से घटाकर 227 करने वाले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दो पूर्व पार्षदों की याचिकाओं को सोमवार को खारिज कर दिया।

जस्टिस एस बी शुकरे और जस्टिस एम डब्ल्यू चंदवानी की खंडपीठ ने कहा कि उसे याचिकाओं में कोई सार नहीं मिला और इसलिए उन्हें खारिज किया जाता है।

नवंबर 2021 में, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघडी (एमवीए) सरकार ने वार्डों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 करने का फैसला किया था।

हालांकि, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार ने अगस्त में एक अध्यादेश जारी कर संख्या को 227 पर वापस ला दिया।

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बीएमसी के पूर्व पार्षदों राजू पेडनेकर और समीर देसाई ने अपनी याचिकाओं में शिंदे सरकार के फैसले को चुनौती दी और दावा किया कि इसने समय को वापस लाने की मांग की है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि 236 से 227 तक के परिसीमन को उलटना मनमाना था और इससे निकाय चुनावों में देरी हो सकती है।

राज्य सरकार ने याचिकाओं का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें “गुप्त उद्देश्यों” के साथ दायर किया गया था और उन्हें अनुकरणीय लागत के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए।

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सरकार ने आगे कहा कि उसे लगा कि वार्डों की संख्या बढ़ाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनसंख्या वृद्धि बहुत कम थी।

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