बंबईहाईकोर्ट को सोमवार को सूचित किया गया कि केंद्र सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंडपीठ नाम बदलने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ को केंद्र की मंजूरी और महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना के बारे में सूचित किया गया।
एचसी ने तब याचिकाकर्ता को अपनी याचिका में संशोधन करके अधिसूचना को चुनौती देने की अनुमति दी थी।
राज्य सरकार ने पिछले साल 16 जुलाई को औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम क्रमशः छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने की मंजूरी दी थी।
औरंगाबाद निवासी मोहम्मद मुश्ताक अहमद, अन्नासाहेब खंडारे और राजेश मोरे द्वारा दायर एक याचिका में औरंगाबाद का नाम बदलने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी, जबकि उस्मानाबाद के 17 निवासियों द्वारा धाराशिव के रूप में इसका नाम बदलने के खिलाफ एक अन्य जनहित याचिका दायर की गई थी।
दोनों याचिकाओं ने सरकार के फैसले को “राजनीति से प्रेरित” करार दिया।