बरासात स्थित विशेष पॉक्सो (POCSO) अदालत ने बुधवार को एक ई-रिक्शा चालक को नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में प्राकृतिक जीवन की शेष अवधि तक कारावास (उम्रकैद) की सज़ा सुनाई।
दोषी सौमित्र रॉय को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) (हत्या) और धारा 65(1) (16 वर्ष से कम आयु की लड़की से बलात्कार) के तहत दोषी ठहराया गया। अदालत ने सोमवार को रॉय को दोषी करार दिया था और बुधवार को सज़ा सुनाई।
घटना 6 फरवरी की है, जब पीड़िता का अपनी मां से झगड़ा हो गया और वह घर छोड़कर निकल गई। लौटते समय उसने राजारहाट न्यू टाउन के जगतपुर इलाके में रॉय का ई-रिक्शा किराए पर लिया। इसके बाद वह घर नहीं लौटी।

9 फरवरी को पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर रॉय को गिरफ्तार किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, सात महीने के भीतर पूरी हुई सुनवाई में यह सिद्ध हो गया कि रॉय ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की।
बरासात की पॉक्सो अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने ठोस और corroborated (सहायक) साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिससे दोषी की संलिप्तता में कोई संदेह नहीं रहा। अदालत ने उसे शेष जीवनकाल तक जेल में रहने की सज़ा सुनाई।
इस जघन्य अपराध ने पूरे पश्चिम बंगाल में आक्रोश पैदा कर दिया। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए और घटना के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने त्वरित न्याय और महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त कदमों की मांग की।