बीसीआई और कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी आपस मे मिलकर देश का पहला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की स्थापना करेंगे। एमओयू के तहत कानूनी शिक्षकों और अधिवक्ताओं को प्रशिक्षण देने के लिए यह उच्च संस्थान राजधानी भुवनेश्वर में बनाया जाएगा।
वकीलों और विधि शिक्षकों को उच्च स्तरीय कौशल विकास की जरूरतों को पूर्ण करने के लिए विधि के क्षेत्र में यह पहला संस्थान होगा।इससे पूर्व में केवल बीसीआई ट्रस्ट द्वारा 1986 में बेंगलूरु में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी नाम की स्थापना की गई थी।
बार कॉउन्सिल इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र के मुताबिक आईआईएल के माध्यम से युवा अधिवक्ता और युवा विधि शिक्षकों के कौशल के विकास के लिए मौका देकर उन्हें आगे अग्रसर किया जाएगा। इस संस्थान के बुनियादी ढांचे की लागत का 40 फीसदी खर्च कलिंगा इंस्टिट्यूट उठाएगा। सिर्फ इतना ही नही साथ ही किट ने लॉ इंस्टिट्यूट के निर्माण के लिए भुवनेश्वर के पटिया में बहुमूल्य भूमि प्रदान की है।
आईआईएल विधि शिक्षा के अंतर्गत प्रोफेशनल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम , रिफ्रेशर कोर्स और लर्निंग कोर्स फ़ॉर डिस्प्यूट रेजोल्यूशन से संबंधित नियमों एंव तरीकों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमो का प्रबंधन एंव संचालन करेगा।
आईआईएल के पहले चरण में पांच इकाइयां स्थापित की जाएंगी। वहीं इस संस्थान के प्रबंधन के लिए तीन निकायों के गठन किया जाएगा। बीसीआई के प्राम्भिक 3 वर्षों तक समस्त कार्यों का संचालन करेंगी। इसके उपरांत देश के अन्य विधि विश्वविद्यालयों में एंव अन्य पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर रखने वाले संस्थानों को भी आईआईएल की तरह पाठ्यक्रम प्रदान करने की अनुमति देगा। इस तरह विधि के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण की सुविधा देश के कोने कोने तक कराई जाएगी।