इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को रामपुर जिले के क्वालिटी बार भूमि अतिक्रमण मामले में जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति समीर जैन ने यह आदेश सुनाया। इस पर 21 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया गया था।
मामला वर्ष 2019 में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें राजस्व निरीक्षक अंगराज सिंह ने सैयद जाफर अली जाफरी, खान की पत्नी व पूर्व सांसद तज़ीन फ़ातिमा और बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म पर क्वालिटी बार की ज़मीन पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया था। यह संपत्ति सिविल लाइंस थाने के अंतर्गत सैद नगर हरदोई पट्टी स्थित हाईवे पर है।

गौरतलब है कि एफआईआर में शुरू में आज़म खान का नाम शामिल नहीं था। हालांकि, पाँच साल बाद हुई पुनः जाँच में उन्हें भी आरोपी बना दिया गया।
सुनवाई के दौरान खान के वकील इमरान उल्ला ने दलील दी कि एफआईआर दर्ज करने में अनुचित देरी हुई, क्योंकि आरोपित घटना वर्ष 2013 की बताई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पाँच साल बाद इस मामले में दोबारा जांच कराना कानूनन उचित नहीं है।
दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने आज़म खान की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। यह मामला रामपुर में उनके खिलाफ लंबित कई मामलों में से एक है।