अयोध्या बलात्कार मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, गर्भपात किए गए भ्रूण का डीएनए राजू से मेल खाता है, जो सपा नेता मोईद अहमद के अधीन एक कर्मचारी और सह-आरोपी है। यह निष्कर्ष सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट का हिस्सा थे।
इस मामले ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें 12 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार किया गया था, जो बाद में गर्भवती हो गई और उसका गर्भपात हो गया। राजू को उसके नियोक्ता, बेकरी मालिक मोईद अहमद के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने 30 जुलाई को अयोध्या जिले के पुरा कलंदर इलाके से गिरफ्तार किया था।
डीएनए के परिणाम एक अदालत सत्र के दौरान सामने आए, जहां न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की अध्यक्षता वाली लखनऊ पीठ अहमद द्वारा दायर जमानत याचिका की समीक्षा कर रही थी। अदालत की कार्यवाही से पता चला कि अहमद का डीएनए भ्रूण से मेल नहीं खाता था, जबकि उसके नौकर राजू की आनुवंशिक सामग्री मेल खाती थी।
न्यायमूर्ति भाटिया ने डीएनए रिपोर्ट को रिकॉर्ड में ले लिया है और अगली सुनवाई 3 अक्टूबर के लिए निर्धारित की है। 71 वर्षीय अहमद ने तर्क दिया है कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी, इस तर्क का राज्य के वकील ने मामले की गंभीर प्रकृति और पीड़ित की नाबालिग स्थिति का हवाला देते हुए जोरदार विरोध किया।