तिरुपति घी मिलावट मामला: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने आरोपियों को जमानत दी

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को मिलावटी घी की आपूर्ति करने के आरोप में गिरफ्तार तीन व्यक्तियों को जमानत दे दी। TTD आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर का संचालन करता है।

कोर्ट ने अपूर्व विनायकंथ चावड़ा, पोमिल जैन और विपिन जैन को 25,000 रुपये के निजी मुचलके और समान राशि के दो जमानतदारों के साथ जमानत देने का आदेश दिया। यह जमानत तिरुपति के द्वितीय अतिरिक्त प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की संतुष्टि पर दी गई।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं, वे फरार होने की आशंका नहीं रखते और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि मामले की पूरी जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, ऐसे में आरोपियों को और अधिक हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है।

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कोर्ट ने “जमानत नियम है, जेल अपवाद” के सिद्धांत पर जोर देते हुए कहा कि एक संवैधानिक आपराधिक न्याय प्रणाली में अदालतों को अभियुक्त के अधिकारों और समाज के सामूहिक हित के बीच संतुलन बनाए रखना होता है।

यह मामला सितंबर 2024 में उस समय सुर्खियों में आया जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) सरकार ने तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डुओं में घटिया घी और पशु वसा के उपयोग की अनुमति दी थी। इस आरोप से देशभर में आक्रोश फैल गया और सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।

फरवरी 2025 में SIT ने भोलो बाबा डेयरी के पूर्व निदेशकों विपिन जैन और पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के अपूर्व चावड़ा और एआर डेयरी के राजू राजशेखरन को गिरफ्तार किया।

कोर्ट का यह फैसला एक ऐसे मामले में अहम मोड़ है जिसने खाद्य सुरक्षा, धार्मिक आस्था और राजनीतिक जवाबदेही जैसे गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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