प्रयागराज, 23 जुलाई — इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूचीबद्ध मुकदमों की फाइलें अदालत में पेश न होने पर नाराजगी जताते हुए रजिस्ट्रार जनरल से स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान ने हसीन मियां द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे स्पष्ट करें कि कारण सूची में दर्ज मामलों की फाइलें अदालत में क्यों नहीं भेजी जा रही हैं, और इस पर तुरंत कार्रवाई करें।
न्यायालय ने आदेश में कहा कि यह देखा जा रहा है कि कई मामलों की फाइलें, जो कारण सूची में दर्ज हैं, रजिस्ट्री द्वारा अदालत को नहीं भेजी जा रही हैं, जिससे अधिवक्ताओं को असुविधा हो रही है और यह न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के समान है।
“यह देखा जा रहा है कि कई फाइलें जो कारण सूची में सूचीबद्ध हैं, रजिस्ट्री द्वारा अदालत को नहीं भेजी जा रही हैं, जिससे अधिवक्ताओं को असुविधा हो रही है और यह न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप है,” अदालत ने 21 जुलाई के आदेश में कहा।

न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि आदेश की प्रति रजिस्ट्रार जनरल को अनुपालन हेतु तत्काल भेजी जाए।
यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में हो रही प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, जिस पर उच्च न्यायालय को सीधे हस्तक्षेप करना पड़ा है।