केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश पद पर छह न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 16 अप्रैल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए दी।

नियुक्त किए गए छह न्यायिक अधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं:
- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
- अनिल कुमार-X
- संदीप जैन
- अवनीश सक्सेना
- मदन पाल सिंह
- हरवीर सिंह
इन नियुक्तियों से पहले इसी महीने सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम ने आठ न्यायिक अधिकारियों के नामों की सिफारिश की थी, जिनमें से केवल छह नामों को केंद्र सरकार की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है जहां मंजूर पदों की संख्या 160 है। हालांकि, 1 अप्रैल 2025 की स्थिति के अनुसार, कोर्ट में केवल 79 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जिससे 50% से अधिक पद रिक्त हैं।
इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका भी लंबित है जिसमें न्यायिक रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से भरने के लिए कोर्ट और सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है ताकि न्यायिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके और मामलों के निस्तारण में तेजी लाई जा सके।
केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश पद पर छह न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 16 अप्रैल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए दी।
नियुक्त किए गए छह न्यायिक अधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं:
- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
- अनिल कुमार-X
- संदीप जैन
- अवनीश सक्सेना
- मदन पाल सिंह
- हरवीर सिंह
इन नियुक्तियों से पहले इसी महीने सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम ने आठ न्यायिक अधिकारियों के नामों की सिफारिश की थी, जिनमें से केवल छह नामों को केंद्र सरकार की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है जहां मंजूर पदों की संख्या 160 है। हालांकि, 1 अप्रैल 2025 की स्थिति के अनुसार, कोर्ट में केवल 79 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जिससे 50% से अधिक पद रिक्त हैं।
इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका भी लंबित है जिसमें न्यायिक रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से भरने के लिए कोर्ट और सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है ताकि न्यायिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके और मामलों के निस्तारण में तेजी लाई जा सके।