राहुल गांधी की नागरिकता रद्द कराने का मामला लड़ रहे भाजपा कार्यकर्ता को हाईकोर्ट ने दी चौबीसों घंटे सुरक्षा

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक भाजपा कार्यकर्ता को चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है, जो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द कराने का मुकदमा लड़ रहे हैं।

न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बी.आर. सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को कर्नाटक के भाजपा कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर की याचिका पर यह आदेश पारित किया।

अदालत ने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि याची को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल से एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) चौबीसों घंटे उपलब्ध कराया जाए। अपने अंतरिम आदेश में अदालत ने कहा–

Video thumbnail

“हम prima facie संतुष्ट हैं कि मामला विचार योग्य है क्योंकि याची एक बहुत शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ अपने मामले लगातार आगे बढ़ा रहा है और उसे लगातार धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उसे रायबरेली जिले के कोतवाली थाने में जांच अधिकारी के समक्ष भी उपस्थित होना पड़ रहा है।”

READ ALSO  क्या तलाक की कार्यवाही में रखरखाव आवेदन की अस्वीकृति के बाद धारा 125 CrPC आवेदन पोषणीय है? हाईकोर्ट ने कहा हाँ

याची ने अदालत को बताया कि जून 2024 में दी गई उसकी शिकायत पर सीबीआई ने जांच शुरू की है और उसने दिल्ली में सीबीआई के समक्ष कई बार पेश होकर राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता के सबूत जमा किए हैं।

उसने कहा कि एम/एस बैकऑप्स लिमिटेड नामक एक कंपनी 2003 में ब्रिटेन में रजिस्टर्ड है, जिसमें गांधी निदेशक हैं और उनका पता लंदन का दर्ज है।

याची ने यह भी कहा कि उसने केरल के वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा की उम्मीदवारी पर आपत्ति दायर की थी, जिसे Returning Officer ने नहीं माना। अब वह प्रियंका गांधी के खिलाफ भी quo warranto याचिका दाखिल करने की प्रक्रिया में है।

READ ALSO  TRAI ने 2022 टैरिफ ऑर्डर, इंटरकनेक्ट नियमों के खिलाफ केरल हाई कोर्ट में AIDCF की याचिका का विरोध किया

याची ने अदालत से कहा कि वह लगातार दोनों नेताओं के खिलाफ मामले लड़ रहा है, इस कारण उसे रोज़ाना धमकियां मिल रही हैं। उसने पहले प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्र सरकार से सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया।

केंद्र सरकार की ओर से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एस.बी. पांडेय ने कहा कि गवाह संरक्षण योजना के तहत अदालत यदि चाहे तो याची को सुरक्षा देने का आदेश पारित कर सकती है, क्योंकि उसे “ठोस धमकियां” मिली हैं।

READ ALSO  सीबीआई ने 2जी मामले में ए राजा और अन्य को बरी करने की अपील पर सुनवाई की तारीखें मांगी

अदालत ने मामला 9 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है। तब तक याची को चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने का आदेश प्रभावी रहेगा।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles