इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज उस एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन पर धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, अदालत ने जांच के दौरान जुबैर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है।
मुख्य न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति डॉ. वाई.के. श्रीवास्तव की खंडपीठ ने जुबैर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में एफआईआर को चुनौती दी गई थी और किसी भी प्रकार की दमनात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की गई थी।
यह एफआईआर यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी की शिकायत पर दर्ज की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि जुबैर ने 3 अक्टूबर 2024 को सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पुरानी वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान शामिल थे। त्यागी के अनुसार, जुबैर ने वीडियो को “अपमानजनक” बताते हुए साझा किया और इस तरह का पोस्ट मुसलमानों को पुजारी के खिलाफ हिंसा के लिए भड़काने का प्रयास था।
जुबैर ने अपनी याचिका में इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने केवल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध सामग्री के आधार पर पुलिस कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रकार की टिप्पणी का उद्देश्य न तो वैमनस्य फैलाना था और न ही किसी की मानहानि करना, और इसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।
इससे पहले, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 3 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब जबकि अदालत ने एफआईआर रद्द करने से इनकार किया है, उसने यह स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान जुबैर की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।