इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा जिले के वृंदावन स्थित विभिन्न गौशालाओं में गायों और एक बछड़े की मौत की घटनाओं की जांच हेतु विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने से इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (PIL) का निस्तारण करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।
यह जनहित याचिका प्रह्लाद कृष्ण शुक्ला द्वारा दायर की गई थी, जिसमें 13 दिसम्बर 2024 को वृंदावन क्षेत्र की विभिन्न गौशालाओं में कथित तौर पर 50 गायों और एक बछड़े की मौत के मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मृत गायों के टैग और तस्वीरें मिलने के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई और दोषियों को चिन्हित करने में लापरवाही बरती गई।

राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि घटना की सूचना मिलते ही शहर मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम, पुलिस और पशु चिकित्सकों की एक जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने 16 दिसम्बर 2024 को अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसके बाद एफआईआर भी दर्ज की गई।
सरकारी पक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच में केवल दो गौशालाओं की पाँच गायों की मौत की पुष्टि हुई है और उनके दफन स्थल भी चिह्नित कर दिए गए हैं। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
राज्य सरकार के इस पक्ष को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को याचिका खारिज कर दी। हालांकि, अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि गायों और अन्य पशुओं की समुचित देखभाल सुनिश्चित की जाए और सभी गौशालाओं की नियमित निगरानी की जाए।