इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को मऊ सदर से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत देते हुए 2022 के हेट स्पीच मामले में सुनाई गई सजा को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने विशेष एमपी-एमएलए अदालत, मऊ के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें अब्बास को 31 मई को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। अपीलीय अदालत ने 5 जुलाई को उनकी चुनौती को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया।
आरोप था कि 2022 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अब्बास अंसारी ने सरकारी अधिकारियों को सत्ता परिवर्तन की स्थिति में परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। अदालत ने उन्हें आईपीसी की धारा 153-ए (समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना), धारा 189 (लोक सेवक को चोट की धमकी), धारा 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 171-एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव या प्रतिरूपण) के तहत दोषी ठहराया था। इसके साथ ही उन पर ₹2,000 का जुर्माना भी लगाया गया था।

अब्बास के चुनाव अभिकर्ता मंसूर अंसारी, जो भाषण के दौरान मंच पर मौजूद थे, को भी दोषी ठहराया गया और छह महीने की सजा सुनाई गई थी।
प्रचार के दौरान अब्बास ने कथित रूप से कहा था:
“मैंने अखिलेश भैया (पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव) से कह दिया है कि सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी अफसर का ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। सब वहीं रहेंगे। पहले हिसाब-किताब होगा, उसके बाद ही तबादला होगा।”
विवादित भाषण के बावजूद अब्बास अंसारी ने 2022 का विधानसभा चुनाव 38,000 से अधिक वोटों से जीतकर मऊ सदर सीट अपने नाम की थी।