इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंदू धर्मग्रंथ जलाने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ एनएसए लागू करने को बरकरार रखा

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने राम चरित मानस की प्रतियां जलाकर उसका अपमान करने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत में लिए गए दो लोगों की याचिका खारिज कर दी।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जिस तरह का व्यवहार किया वह हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला था और इसलिए एनएसए लागू करना उचित था।

न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की पीठ ने देवेंद्र प्रताप यादव और सुरेश सिंह यादव द्वारा अलग-अलग दायर की गई रिट याचिकाओं को खारिज करते हुए आदेश पारित किया, जिन्होंने तर्क दिया था कि राजनीतिक इरादों से उनके खिलाफ कठोर कानून लागू किया गया था।

Video thumbnail

पिछले साल 29 जनवरी को राज्य की राजधानी के पीजीआई पुलिस सर्कल के तहत एक क्षेत्र में राम चरित मानस की प्रतियां जलाने के बाद पुलिस ने चंद्रा और जौहरी को उनके कुछ सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उन पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया।

READ ALSO  मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु पीड़ित मुआवजा कोष के ऑडिट का आदेश दिया
Ad 20- WhatsApp Banner

Related Articles

Latest Articles