इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि वे कार्यपालक अभियंता मोहम्मद फिरदौस रहमानी को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) में प्रतिनियुक्ति पर नियुक्ति के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करें। कोर्ट ने कहा कि समान परिस्थितियों में एक अन्य अभियंता को अनुमति देना और रहमानी को मना करना भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।
यह आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने 18 जुलाई को रहमानी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उन्हें केवल इस आधार पर एनओसी नहीं दी गई कि विभाग में कार्यपालक अभियंताओं की कमी है।
कोर्ट ने विभाग के इस तर्क को खारिज करते हुए कहा, “अगर विभाग में अभियंताओं की इतनी कमी थी, तो फिर एक अन्य अभियंता सुधीर कुमार भारद्वाज को प्रतिनियुक्ति की अनुमति कैसे दी गई?”

कोर्ट ने कहा, “समान परिस्थितियों में अभियंता सुधीर कुमार भारद्वाज को एनओसी देना, जबकि रहमानी को इससे वंचित करना स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण और मनमाना है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।”
न्यायालय ने प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया कि वे आदेश की प्रति प्राप्त होने के 10 दिनों के भीतर रहमानी को एनओसी जारी करें ताकि वे एनएचएआई में तकनीकी उप महाप्रबंधक के पद पर कार्यभार ग्रहण कर सकें।