इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने वर्ष 2025 के दौरान 12 गैर-न्यायिक शनिवारों को कार्यदिवस घोषित करने के प्रस्ताव पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, एडवोकेट्स एसोसिएशन (इलाहाबाद) और ओउध बार एसोसिएशन (लखनऊ बेंच) से राय मांगी है। इस पहल का उद्देश्य पांच वर्ष से अधिक पुराने लंबित मामलों की शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित करना है।

रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती द्वारा जारी पत्र में नेशनल कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (NCMS)-2024 की नीति और कार्य योजना के पैरा 49(ii) का हवाला दिया गया है, जिसमें सुझाव दिया गया है:
“हर महीने के एक शनिवार को ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए निर्धारित किया जा सकता है जो 5 साल से अधिक पुराने हैं। यदि कोई हाईकोर्ट सभी शनिवारों को बंद रहता है लेकिन लंबित मामलों की संख्या अधिक है, तो वर्ष 2025 का कैलेंडर इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए कि उसमें कम से कम 12 शनिवार कार्य दिवस के रूप में शामिल हों।”

प्रशासन ने बार संघों से अनुरोध किया है कि वे इस विषय पर अपनी राय/मत जल्द से जल्द भेजें ताकि प्रस्ताव को माननीय पूर्ण पीठ (Full Court) के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जा सके।
पत्र के नीचे एक हस्तलिखित टिप्पणी में निर्देश दिया गया है कि यह सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाए और सीखा़ अधिवक्ताओं से राय आमंत्रित की जाए।