इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पीके मिश्रा द्वारा अपने पूर्ववर्ती विनय पाठक के खिलाफ स्थापित जांच पर रोक लगा दी।
पाठक के कार्यकाल की समाप्ति के बाद जनवरी 2022 में कुलपति नियुक्त मिश्रा को पिछले महीने पद से हटा दिया गया था। पाठक कानपुर में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति हैं।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने पाठक द्वारा दायर रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया।
पीठ ने पाया कि तत्कालीन कुलपति मिश्रा द्वारा 1 फरवरी को पारित आदेश उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर था।
मिश्रा ने 21 नवंबर 2022 को जारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पत्र के संदर्भ में प्रस्तावित जांच शुरू की थी।
पाठक के वकील एलपी मिश्रा ने तर्क दिया कि राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो एक कुलपति को अपने पूर्ववर्ती के खिलाफ जांच का आदेश देने की शक्ति प्रदान करता हो।
खंडपीठ ने प्रतिवादियों को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।