इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बारिश और स्कूटर पंक्चर होने के कारण परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच पाने वाली महिला को राहत दी

हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में अतिरिक्त निजी सचिव चरण-02 परीक्षा 2023 की अभ्यर्थी प्रियंका उपाध्याय को अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण देरी होने के बावजूद हिंदी शॉर्टहैंड और कंप्यूटर टाइपिंग परीक्षा में शामिल होने की विशेष छूट दी है। रिट-ए संख्या-5316/2024 मामले की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने की।

मामले की पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता प्रियंका उपाध्याय ने अतिरिक्त निजी सचिव पद के लिए लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की थी। हालांकि, हिंदी शॉर्टहैंड और कंप्यूटर टाइपिंग परीक्षा के दिन, वह भारी बारिश और स्कूटर पंक्चर होने के कारण दो मिनट देरी से पहुंची। नतीजतन, उसे परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई। अधिवक्ता दया शंकर तिवारी, आदित्य पांडे और अमित कुमार द्वारा प्रतिनिधित्व करते हुए उपाध्याय ने यूपी के खिलाफ रिट याचिका दायर की। लोक सेवा आयोग (UPPSC) के समक्ष राज कुमार उपाध्याय (आर.के. उपाध्याय) ने बाद की तिथि पर परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी।

शामिल कानूनी मुद्दे

इस मामले में मुख्य कानूनी मुद्दा यह था कि क्या याचिकाकर्ता को रिपोर्टिंग समय से दो मिनट चूकने के बावजूद परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए। प्रतिवादी के वकील ने तर्क दिया कि ऐसी रियायतें देने से बाढ़ के दरवाज़े खुल सकते हैं, जिससे आयोग के लिए परीक्षाओं का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना मुश्किल हो जाएगा। याचिकाकर्ता के वकील ने देरी को स्वीकार किया, लेकिन देरी के कारणों के रूप में भारी बारिश और पंचर स्कूटर सहित अपरिहार्य परिस्थितियों का हवाला दिया।

न्यायालय का निर्णय

न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने प्रतिवादी की चिंताओं की वैधता को स्वीकार किया, लेकिन याचिकाकर्ता की स्थिति के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया। न्यायालय ने कहा कि भारी बारिश और पंचर स्कूटर याचिकाकर्ता के नियंत्रण से बाहर थे और उन्होंने समय पर परीक्षा केंद्र तक पहुँचने का हर संभव प्रयास किया था। न्यायालय ने टिप्पणी की:

“भारी बारिश ईश्वरीय आपदा थी, लेकिन उसने समय पर परीक्षा केंद्र पर पहुंचने की पूरी कोशिश की, लेकिन इस बीच उसकी स्कूटी पंचर हो गई।”

इन असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर, न्यायालय ने यूपीपीएससी को निर्देश दिया कि वह प्रियंका उपाध्याय को अंतिम निर्धारित तिथि 18 जुलाई, 2024 को अपनी हिंदी शॉर्टहैंड और कंप्यूटर टाइपिंग परीक्षा देने की अनुमति दे। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि इस रियायत को भविष्य के मामलों के लिए मिसाल के तौर पर नहीं माना जाना चाहिए।

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महत्वपूर्ण टिप्पणियां

न्यायमूर्ति चौहान ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय मामले के अनूठे तथ्यों पर आधारित था और इसे सामान्यीकृत नहीं किया जाना चाहिए:

“एक विशेष मामले के रूप में, जिसे मिसाल के तौर पर नहीं माना जा सकता है, आयोग याचिकाकर्ता को परीक्षा की अंतिम तिथि यानी 18.07.2024 को अतिरिक्त निजी सचिव, 2023 के पद के लिए अपनी हिंदी शॉर्टहैंड और कंप्यूटर टाइपिंग परीक्षा देने की अनुमति दे सकता है।”

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