महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने एक महिला अधिवक्ता को छह साल पहले हुए सड़क हादसे में लगी चोटों के लिए ₹1.09 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। अधिवक्ता ने मूल रूप से ₹10 लाख का दावा किया था, लेकिन न्यायाधिकरण ने माना कि उन्हें कोई स्थायी या कार्यात्मक अक्षमता नहीं हुई है। यह आदेश न्यायाधिकरण के सदस्य आर. वी. मोहिटे ने 30 अगस्त को पारित किया।
10 नवंबर 2018 को अधिवक्ता की स्कूटी को कल्याण में पीछे से तेज़ रफ्तार और लापरवाही से चल रही कार ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में उन्हें चोटें आईं। अधिवक्ता ने अपनी याचिका में ₹10 लाख का दावा किया था, जिसे बाद में ₹1 लाख तक सीमित किया गया और ब्याज़ सहित मुआवज़ा मांगा गया।
न्यायाधिकरण ने पाया कि हादसा पूरी तरह से कार चालक की लापरवाही से हुआ था। कार मालिक ने चालक का लाइसेंस पेश नहीं किया, जिससे यह माना गया कि चालक के पास वैध लाइसेंस नहीं था।

- न्यायाधिकरण ने कहा कि आयकर रिटर्न से यह साबित होता है कि हादसे का अधिवक्ता की आय पर कोई असर नहीं पड़ा।
- अधिवक्ता की ₹75,000 मासिक आय का दावा खारिज करते हुए न्यायाधिकरण ने उनकी आय ₹15,000 प्रतिमाह आंकी।
- आदेश में कहा गया कि उन्हें कोई स्थायी या कार्यात्मक अक्षमता नहीं हुई, इसलिए भविष्य की आय का नुकसान साबित नहीं होता।
न्यायाधिकरण ने कहा, “ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह लगे कि दुर्घटना की चोटों के कारण अधिवक्ता अपनी प्रैक्टिस जारी नहीं रख पा रही हैं।”
न्यायाधिकरण ने ₹1,09,516 का मुआवज़ा 9% वार्षिक ब्याज़ के साथ देने का आदेश दिया। यह राशि कार मालिक और बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से चुकानी होगी। साथ ही बीमा कंपनी को कार मालिक से राशि वसूलने की अनुमति दी गई।