जम्मू में एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़की की संदिग्ध मौत के मामले में अब जांच केंद्रीय एजेंसी करेगी। High Court of Jammu and Kashmir and Ladakh ने इस मामले की जांच Central Bureau of Investigation को सौंपते हुए निर्देश दिया है कि जांच शुरू होने के तीन महीने के भीतर इसकी प्रगति रिपोर्ट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जम्मू को सौंपी जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल भारती ने लड़की के पिता मुख्त्यार अली की याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। मुख्त्यार अली जम्मू जिले के भलवाल तहसील स्थित जंड्याल गांव के निवासी हैं। उन्होंने अक्टूबर 2024 में अदालत का रुख करते हुए आशंका जताई थी कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म और हत्या की गई है और स्थानीय जांच से वह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपने की मांग की थी।
नाबालिग लड़की का शव 15 अगस्त 2024 को उसके घर के पास एक पेड़ से लटका हुआ मिला था। इस घटना के बाद से परिवार लगातार जांच पर सवाल उठा रहा था और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा था।
अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि CBI पहले प्रारंभिक सत्यापन करेगी और उसके बाद CBI मैनुअल तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के प्रावधानों के अनुसार नियमित जांच आगे बढ़ाई जाएगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि मामले की प्रभावी न्यायिक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए CBI को जांच या पूछताछ की स्थिति से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को अवगत कराना होगा, ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो।
यह निर्देश 18 दिसंबर को हुई सुनवाई के बाद दिया गया, जिसमें CBI जम्मू के एसएसपी वेंकटेश्वरलु चंदू, अखनूर के उप-मंडलीय पुलिस अधिकारी (SDPO) वीरेंद्र गुप्ता और मामले के जांच अधिकारी अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए थे।
हाईकोर्ट ने SDPO को आदेश दिया है कि वह पूरे जांच रिकॉर्ड को CBI को सौंपे। इसके तहत उर्दू लिपि में मौजूद सभी दस्तावेजों का 18 जनवरी तक हिंदी या अंग्रेज़ी में अनुवाद कराया जाएगा और अगले दिन औपचारिक रूप से यह रिकॉर्ड CBI को सौंपा जाएगा।
इसके अलावा, जम्मू के घारोटा थाना को निर्देश दिया गया है कि वह CBI को जांच के दौरान हर संभव सहयोग प्रदान करे।

