मेघालय हाईकोर्ट ने सोमवार को शिलॉन्ग में वेंडिंग ज़ोन की पहचान के लिए किए जा रहे कार्य को संतोषजनक बताते हुए शिलॉन्ग म्यूनिसिपल बोर्ड को 28 जनवरी तक नया स्थिति हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ शिलॉन्ग शहर में, विशेष रूप से लैतुमखराह क्षेत्र में, स्ट्रीट वेंडर्स (फेरीवालों) के व्यवसाय को सुव्यवस्थित और विनियमित करने से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। लैतुमखराह शिलॉन्ग का एक प्रमुख वाणिज्यिक-सह-आवासीय क्षेत्र है।
अदालत ने शिलॉन्ग म्यूनिसिपल बोर्ड (SMB) द्वारा दाखिल हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि इस अभ्यास में “संतोषजनक प्रगति” हुई है। हलफनामे के अनुसार, स्ट्रीट वेंडर्स द्वारा कुल 43 दावे प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें से 14 वेंडर्स पहले से ही प्रोविजनल टाउन वेंडिंग कमेटी (PTVC) द्वारा प्रकाशित सूची में शामिल थे।
शेष 29 वेंडर्स को सुनवाई के लिए बुलाया गया, जिनमें से 15 को वास्तविक (जेनुइन) पाया गया। समीक्षा के बाद उनके नाम आगे की कार्रवाई के लिए PTVC को अनुशंसित किए गए।
अदालत को यह भी बताया गया कि PTVC ने 4 दिसंबर को हुई अपनी बैठक में यह निर्णय लिया कि सरकार द्वारा निर्धारित वेंडिंग ज़ोन की अधिसूचना जारी होने के बाद लैतुमखराह क्षेत्र में स्ट्रीट वेंडर्स की अंतिम सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इसके अलावा, दावों और आपत्तियों की जांच करने तथा सुनवाई की प्रक्रिया के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने के उद्देश्य से PTVC की एक उप-समिति का गठन किया गया है, जिसे हॉकर्स एसोसिएशन की स्वीकृति प्राप्त है।
अदालत ने इस प्रस्तुति को भी रिकॉर्ड पर लिया कि हॉकिंग स्थलों की पहचान का कार्य जनवरी 2026 के पहले सप्ताह तक पूरा किए जाने की संभावना है। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को निर्धारित की गई है।

