सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2024 लोकसभा चुनाव में चेन्नई सेंट्रल संसदीय क्षेत्र से डीएमके उम्मीदवार दयानिधि मारन के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति विपुल पंचोली की पीठ ने मार्च 2025 में मद्रास हाईकोर्ट द्वारा पारित उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें मारन के चुनाव के खिलाफ दायर चुनाव याचिका खारिज कर दी गई थी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मुख्य चुनाव याचिका में किए गए कथनों से यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता ने कुछ चुनावी खर्चों को बिना किसी ठोस सामग्री के, केवल अनुमान और धारणाओं के आधार पर प्रत्याशी से जोड़ दिया। अदालत ने यह भी कहा था कि ऐसे आरोप प्रथम दृष्टया किसी भ्रष्ट आचरण को स्थापित करने के लिए कारण कार्रवाई नहीं बनाते।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस निष्कर्ष से सहमति जताते हुए कहा कि उसके फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। पीठ ने यह भी रेखांकित किया कि निर्वाचन आयोग ने दयानिधि मारन के चुनाव खर्च खातों में कोई भी विसंगति नहीं पाई है।
इस तरह शीर्ष अदालत के फैसले के साथ चेन्नई सेंट्रल से दयानिधि मारन के चुनाव को लेकर दायर की गई चुनौती समाप्त हो गई।

