गुवाहाटी हाईकोर्ट ने AIUDF विधायक अमीनुल इस्लाम के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी ऐक्ट (NSA) के तहत जारी हिरासत आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराणा और न्यायमूर्ति राजेश मजूमदार की खंडपीठ ने 14 मई और 25 जून 2025 के डिटेंशन आदेशों को निरस्त करते हुए राज्य को निर्देश दिया कि इस्लाम को जेल से रिहा किया जाए, बशर्ते किसी अन्य मामले में उनकी आवश्यकता न हो।
कोर्ट: हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अपने प्रतिनिधित्व के अधिकार की जानकारी ही नहीं दी गई
इस्लाम को 24 अप्रैल को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए उनके बयान का वीडियो वायरल हुआ था। राज्य ने आरोप लगाया कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद “भ्रामक और उकसाने वाले” बयान दिए, जिनमें “विपरीत स्थिति पैदा करने की क्षमता” थी।
हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार ने अनिवार्य संवैधानिक सुरक्षा का पालन नहीं किया, जिससे पूरा डिटेंशन आदेश अवैध हो गया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा:
- “14.05.2025 का आदेश उन्हें सौंपे जाने के समय और उसके बाद भी किसी भी समय, उन्हें यह नहीं बताया गया कि वे निरोधक प्राधिकारी के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व दे सकते हैं।”
- केंद्र सरकार को प्रतिनिधित्व भेजने का उनका अधिकार उन्हें 23 दिन बाद बताया गया और वह भी तब, जब केंद्र ने राज्य सरकार को इस बारे में याद दिलाया।
पीठ ने कहा कि यह चूक “अपने आप में ही डिटेंशन को निरस्त करने के लिए पर्याप्त है।”
राज्य की देरी पर कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं
न्यायालय ने यह भी दर्ज किया कि इस्लाम द्वारा दायर प्रतिनिधित्व को निपटाने में हुई देरी पर किसी भी प्राधिकरण ने उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया। अदालत ने कहा:
- “निरोधक प्राधिकारी ने वह कठोरता और दायित्व नहीं निभाया जो किसी नागरिक को निरोध में रखने की शक्ति के प्रयोग के लिए आवश्यक है।”
इन संवैधानिक उल्लंघनों को देखते हुए अदालत ने कहा कि अन्य तर्कों पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है।
हिरासत आदेश रद्द, रिहाई का निर्देश
याचिका स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा:
- “14.05.2025 और 25.06.2025 के आदेश निरस्त किए जाते हैं और यदि किसी अन्य मामले में आवश्यकता न हो, तो बंदी को तत्काल रिहा किया जाए।”
मामले की पृष्ठभूमि
अप्रैल में वायरल वीडियो में ढींग से विधायक इस्लाम कथित तौर पर यह कहते सुने गए थे कि पहलगाम और पुलवामा हमले “कुछ षड्यंत्रकारियों द्वारा किए गए” थे, जो देश को साम्प्रदायिक आधार पर बांटना चाहते हैं।
AIUDF ने इन बयानों से दूरी बनाते हुए कहा था कि यह विधायक के व्यक्तिगत विचार हैं।
इस्लाम इससे पहले 2020 में कोविड-19 क्वारंटीन केंद्रों और अस्पतालों की स्थिति पर “आपत्तिजनक” टिप्पणी करने के आरोप में भी गिरफ्तार हो चुके हैं। उन्होंने इन्हें “डिटेंशन सेंटर से भी बदतर” बताया था।

