सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रेल से यह स्पष्ट करने को कहा है कि दुर्घटना बीमा कवरेज केवल ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले यात्रियों को ही क्यों दिया जाता है, जबकि काउंटर से टिकट लेने वाले यात्रियों को यह सुविधा नहीं मिलती।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने यह सवाल तब उठाया जब अमिकस क्यूरी ने 25 नवंबर की सुनवाई में इस असमानता की ओर ध्यान दिलाया। इस मामले में रेलवे की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी पेश हुए।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अभी की व्यवस्था में ऑनलाइन टिकट लेने वाले यात्रियों को दुर्घटना बीमा उपलब्ध है, लेकिन ऑफलाइन टिकट खरीदने वालों को नहीं। कोर्ट ने ASG को इस भेदभाव के कारण पर रेलवे से निर्देश लेने को कहा।
यह मुद्दा भारतीय रेल की सुरक्षा और संचालन से संबंधित एक व्यापक मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया। कोर्ट ने रेलवे द्वारा जमा की गई रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए कहा कि इस चरण में प्राथमिकता पटरियों और रेलवे क्रॉसिंग की सुरक्षा में सुधार पर होनी चाहिए, क्योंकि अन्य सुधार उसी से आगे बढ़ेंगे।
पीठ ने यह भी कहा कि रेलवे अपने समग्र सिस्टम सुधार की योजना पर निरंतर काम जारी रखे।
दुर्घटना बीमा को लेकर उठे इस सवाल पर रेलवे को अब 13 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई में अपना जवाब देना होगा।




