कलकत्ता हाईकोर्ट ने बैंकों से यह बताने के लिए रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है कि क्या वे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के उस परिपत्र का पालन कर रहे हैं जिसमें ग्राहक से संबंधित सभी दस्तावेज़ शाखाओं में तीन भाषाओं — अंग्रेजी, हिंदी और संबंधित क्षेत्रीय भाषा — में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ‘बांग्ला पोक्खो चैरिटेबल ट्रस्ट’ की याचिका पर पारित किया। एनजीओ ने अपनी याचिका में मांग की थी कि RBI के निर्देश के अनुसार पश्चिम बंगाल की सभी बैंक शाखाओं में दस्तावेज़ों और सामग्री में क्षेत्रीय भाषा बंगाली का अनिवार्य उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और कुछ अन्य बैंकों ने पहले ही अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है, जिसमें अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली के उपयोग की जानकारी दी गई है। खंडपीठ ने जिन बैंकों ने अभी तक रिपोर्ट दाखिल नहीं की है, उन्हें अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामला दिसंबर के पहले सप्ताह में फिर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी 15 सितंबर को दायर रिपोर्ट में कहा है कि वह RBI परिपत्र का पालन करेगा और आवश्यक दस्तावेज़ों को त्रिभाषीय स्वरूप में प्रकाशित करेगा।
RBI ने 1 जुलाई 2014 को जारी परिपत्र में ग्राहक सेवा के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों को निर्देश दिया था कि सभी काउंटरों पर संकेत बोर्ड अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषा में प्रदर्शित किए जाएं, और खुदरा ग्राहकों के लिए उपयोग की जाने वाली सभी मुद्रित सामग्री त्रिभाषीय रूप में उपलब्ध कराई जाए। परिपत्र में यह भी कहा गया था कि बैंकों को सेवाओं और सुविधाओं का पूरा विवरण देने वाली पुस्तिकाएँ ग्राहकों को हिंदी, अंग्रेजी और संबंधित क्षेत्रीय भाषा में प्रदान करनी चाहिए।
अगली सुनवाई दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी।




