राजधानी दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मंगलवार को शहर की तीन प्रमुख जिला अदालतों—पटियाला हाउस, साकेत और तीस हजारी कोर्ट—को बम से उड़ाने की धमकी मिली। यह धमकियां ईमेल के जरिए दी गई थीं, जिसके बाद अदालतों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। संयोगवश, यह घटना ठीक उसी दिन हुई जब लाल किला बम धमाके के मुख्य आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाना था।
सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई और अदालती कामकाज प्रभावित
धमकी भरे ईमेल मिलने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गईं। एहतियात के तौर पर बम निरोधक दस्ते (Bomb Disposal Squad) और डॉग स्क्वायड को तुरंत मौके पर बुलाया गया और परिसरों की गहन तलाशी ली गई।
साकेत बार एसोसिएशन के सचिव, वकील अनिल बसोया ने पुष्टि की कि धमकी के बाद सुरक्षा जांच के लिए अदालत का कामकाज लगभग दो घंटे तक स्थगित करना पड़ा। पूरी तरह से तसल्ली होने और परिसर को सुरक्षित घोषित किए जाने के बाद ही कामकाज फिर से शुरू हो सका।
वहीं, नई दिल्ली बार एसोसिएशन के सचिव, वकील तरुण राणा ने बताया कि जिला अदालत परिसरों को ईमेल पर बम की धमकियां मिली थीं, जो जांच के बाद पूरी तरह से फर्जी (hoax) साबित हुईं। उन्होंने कहा कि वकीलों और कोर्ट स्टाफ में “डर का कोई माहौल नहीं है” और अब अदालतें सुचारू रूप से अपना काम कर रही हैं।
लाल किला ब्लास्ट के आरोपी की पेशी और सुरक्षा घेरा
इस धमकी को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में संवेदनशीलता अधिक थी, क्योंकि वहां नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) द्वारा गिरफ्तार किए गए जासिर बिलाल वानी की पेशी होनी थी। वानी 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए बम धमाके के मामले में एनआईए की दूसरी बड़ी गिरफ्तारी है।
सुरक्षा के लिहाज से पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया था ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
क्या है कनेक्शन?
जासिर बिलाल वानी, जिसे ‘दानिश’ के नाम से भी जाना जाता है, काजीगुंड का रहने वाला है। उसे और उसके चाचा को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूछताछ के लिए शनिवार को हिरासत में लिया था। यह मामला फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ और लाल किला धमाके से जुड़ा है, जिसमें 10 से अधिक लोगों की जान गई थी।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, वानी परिवार आतंकी मॉड्यूल के सदस्य और ‘डॉक्टर बंधुओं’—आदिल राथर और मुजफ्फर राथर—का पड़ोसी है। पुलिस आदिल राथर को उत्तर प्रदेश से पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि मुजफ्फर अभी भी फरार बताया जा रहा है। आदिल पर नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के धमकी भरे पोस्टर लगाने का भी आरोप है।
फिलहाल, सभी अदालतों में स्थिति सामान्य है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया है।




