दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को अभिनेत्री और समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करते हुए कहा कि उनकी अनुमति के बिना उनके नाम, छवि या व्यक्तित्व का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की एकलपीठ जया बच्चन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कहा गया था कि कई सोशल मीडिया अकाउंट्स, यूट्यूब चैनल्स और वेबसाइट्स उनके नाम और व्यक्तित्व का व्यावसायिक लाभ के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं।
इस मामले में प्रतिवादी पक्षों में गूगल, अमेजन, ईबे और मेटा जैसी कंपनियां शामिल हैं।
जया बच्चन की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उनकी तस्वीरें और पहचान के अन्य पहलू बिना किसी अनुमति के व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ वीडियो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के माध्यम से तैयार किए गए हैं, जिनमें अभिनेत्री की समानता और आवाज का इस्तेमाल किया गया है।
याचिका में कहा गया कि विभिन्न वेबसाइट्स पर जया बच्चन की तस्वीरों वाले उत्पाद बेचे जा रहे हैं, जो उनके व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति अरोड़ा ने कहा कि किसी व्यक्ति, विशेष रूप से सार्वजनिक जीवन से जुड़ी हस्ती की, छवि और नाम का अनधिकृत उपयोग अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि अदालत ऐसे अवैध कार्यों पर रोक लगाने के लिए निषेधाज्ञा (injunction order) जारी करेगी।
हालांकि, न्यायमूर्ति अरोड़ा ने यह स्पष्ट किया कि वह अमेजन पर 1973 की फिल्म ‘अभिमान’ के जया और अमिताभ बच्चन वाले पोस्टर बेचने वाले एक निजी विक्रेता के खिलाफ कोई आदेश पारित करने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि पुराने फिल्मी पोस्टरों की बिक्री को अवैध उपयोग नहीं माना जा सकता।
दिल्ली हाईकोर्ट इससे पहले अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों की भी रक्षा कर चुकी है और उनके नाम एवं छवि के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाई थी।
अदालत आने वाले दिनों में अपने विस्तृत आदेश में निषेधाज्ञा की शर्तें और दायरा स्पष्ट करेगी।




