चौंकाने वाली खबर: आपका डिजिटल गोल्ड कभी भी गायब हो सकता है! SEBI ने दी बड़ी चेतावनी — “ये सुरक्षित नहीं है!”

आज SEBI (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) ने एक बड़ा झटका दिया है!

SEBI ने साफ कहा है कि डिजिटल गोल्ड पूरी तरह अनरेगुलेटेड है — यानी इस पर किसी का नियंत्रण नहीं, कोई सुरक्षा नहीं, और इसमें निवेश करना बहुत बड़ा जोखिम है।

SEBI की आधिकारिक प्रेस रिलीज़ (PR No. 70/2025) में लिखा है:

Video thumbnail

“ऐसे डिजिटल गोल्ड प्रोडक्ट्स SEBI के दायरे से पूरी तरह बाहर हैं।”

अगर आपने किसी ऐप में डिजिटल गोल्ड खरीदा है, तो संभल जाइए — आपका पैसा कभी भी डूब सकता है!

SEBI का साफ संदेश: डिजिटल गोल्ड = अनरेगुलेटेड जाल

सच्चा और सुरक्षित गोल्ड निवेश सिर्फ इन तरीकों से होता है:

  • गोल्ड ETFs (Exchange Traded Funds) – म्यूचुअल फंड के ज़रिए
  • Electronic Gold Receipts (EGRs) – जो शेयर मार्केट में ट्रेड होती हैं
  • Commodity Derivative Contracts – एक्सचेंज पर नियंत्रित सौदे

ये सभी SEBI-रजिस्टर्ड माध्यमों से खरीदे जाते हैं।

लेकिन जो ऐप्स डिजिटल गोल्ड बेच रहे हैं? SEBI ने कहा है:

READ ALSO  मानहानि मामले में हाई कोर्ट ने सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाई

“ये न तो सिक्योरिटी हैं, न ही रेगुलेटेड डेरिवेटिव्स… पूरी तरह SEBI के दायरे से बाहर।”

ना SEBI, ना RBI — कोई सुरक्षा नहीं!

SEBI की चेतावनी: “एक गलती = पूरा पैसा डूबा”

SEBI के शब्दों में:

“ऐसे डिजिटल गोल्ड प्रोडक्ट्स में बड़े जोखिम हैं… इनमें काउंटरपार्टी और ऑपरेशनल रिस्क बहुत ज़्यादा हैं।”

मतलब — आपका गोल्ड किसी निजी वॉल्ट या कंपनी के पास रखा जाता है।

अगर वह कंपनी दिवालिया हो गई या वेबसाइट बंद हो गई — तो आपका सारा गोल्ड गया!

कोई कानूनी सुरक्षा नहीं, कोई इंश्योरेंस नहीं।

 SEBI बोला: “इन निवेशों पर कोई सिक्योरिटी कानून लागू नहीं”

सीधा मतलब:

“सिक्योरिटीज मार्केट के तहत कोई भी इन्वेस्टर प्रोटेक्शन मैकेनिज्म इन पर लागू नहीं होता।”

यानी बैंक FD की तरह बीमा नहीं, म्यूचुअल फंड जैसी सुरक्षा नहीं —

बस ऐप पर भरोसा, जो कभी भी बंद हो सकता है।

छिपे चार्ज और 5 साल का जाल

अधिकांश डिजिटल गोल्ड ऐप्स सिर्फ 5 साल तक स्टोरेज देते हैं।

READ ALSO  मामलों में वादियों की जाति या धर्म का उल्लेख करने की प्रथा बंद करें: सुप्रीम कोर्ट

उसके बाद या तो बेचो या गोल्ड मंगवाओ — वो भी भारी फीस देकर:

  1. हिडन चार्जेस: खरीदते वक्त 2–3% तक बढ़ा हुआ दाम
  2. Buy-Sell Spread: 3–6% का नुकसान सिर्फ खरीद-बिक्री में
  3. GST: 3% टैक्स, जैसे फिजिकल गोल्ड पर लगता है
  4. Delivery Fees: अगर असली गोल्ड चाहिए तो मेकिंग + शिपिंग चार्ज
  5. Exit Penalty: 5 साल बाद जबरन एग्जिट, फिर अलग फीस

SEBI ने कहा — ये “फिजिकल गोल्ड जैसा दिखने वाला भ्रम” है, असल में महंगा धोखा।

SEBI की अपील: “लोग भ्रमित न हों”

“कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘डिजिटल गोल्ड’ नाम से निवेश के ऑफर दे रहे हैं…

लेकिन ये SEBI रेगुलेटेड गोल्ड प्रोडक्ट्स से पूरी तरह अलग हैं।”

SEBI के बताए सुरक्षित विकल्प

अगर गोल्ड में निवेश करना ही है तो ये अपनाएं:

  • Gold ETFs: सस्ता, आसान, सुरक्षित
  • EGRs: शेयर की तरह ट्रेड होने वाला डिजिटल गोल्ड
  • Sovereign Gold Bonds: सरकार द्वारा जारी, ब्याज के साथ सुरक्षित निवेश
READ ALSO  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में रिकॉल याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सच्चाई: डिजिटल गोल्ड = प्राइवेट कंपनी का वादा, कोई गारंटी नहीं

SEBI ने स्पष्ट कहा है —

डिजिटल गोल्ड में कोई रेगुलेशन नहीं, कोई सुरक्षा नहीं, और हर कदम पर रिस्क है।

एक कंपनी का फेल होना मतलब — आपकी पूरी बचत खत्म!

क्या करें अभी?

अगर आपके पास डिजिटल गोल्ड है,

तो तुरंत बेचकर SEBI-रेगुलेटेड विकल्पों में शिफ्ट करें।

इस खबर को शेयर करें और अपने दोस्तों को भी सावधान करें।

Source: SEBI Press Release PR No. 70/2025 (08 Nov 2025)

Disclaimer: यह जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य से है। निवेश से पहले SEBI-रजिस्टर्ड सलाहकार से सलाह लें।

Related Articles

Latest Articles