मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने ‘हक़’ फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका शाहबानो बेगम की बेटी सिद्दीक़ा बेगम खान ने दायर की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि फिल्म उनकी मां के जीवन पर आधारित है और परिवार की अनुमति के बिना बनाई गई है।
न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने 4 नवंबर को पारित आदेश में कहा,
“अभिलेख पर उपलब्ध तथ्यों के आलोक में मेरा विचार है कि याचिकाकर्ता कोई ऐसा मामला प्रस्तुत नहीं कर पाई हैं, जिसमें इस न्यायालय का हस्तक्षेप आवश्यक हो। अतः यह याचिका गुण-दोष रहित पाई जाती है और खारिज की जाती है।”
यह आदेश गुरुवार को याचिकाकर्ता के वकीलों को उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही 7 नवंबर को फिल्म की रिलीज़ का रास्ता साफ हो गया।
फिल्म ‘हक़’ में यामी गौतम धर और इमरान हाशमी मुख्य भूमिकाओं में हैं। इसे शाहबानो बेगम के जीवन और उनके उस ऐतिहासिक कानूनी संघर्ष से प्रेरित बताया गया है, जिसने 1985 में सुप्रीम कोर्ट को यह निर्णय देने के लिए प्रेरित किया था कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी भरण-पोषण का अधिकार है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि फिल्म में उनकी मां के निजी जीवन को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। वहीं, प्रोडक्शन हाउस की ओर से पेश वकीलों ने इन आरोपों को निराधार बताया और याचिका खारिज करने की मांग की।
शाहबानो बेगम ने 1978 में अपने वकील पति मोहम्मद अहमद खान से तलाक के बाद भरण-पोषण के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 1985 में सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया।
हालांकि, मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने 1986 में मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम पारित किया, जिसने सुप्रीम कोर्ट के उस ऐतिहासिक फैसले को निष्प्रभावी कर दिया।




