केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत की भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी। वे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई के सेवानिवृत्त होने के बाद 24 नवंबर को पदभार ग्रहण करेंगे।
केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसकी घोषणा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर करते हुए कहा, “संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने माननीय न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।”
यह नियुक्ति न्यायमूर्ति गवई की सिफारिश के बाद की गई है, जिन्होंने परंपरा के अनुसार अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत का नाम केंद्र सरकार को भेजा था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए थे और उनका कार्यकाल फरवरी 2027 तक रहेगा। इस प्रकार वे लगभग 14 महीने से अधिक समय तक देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे।
हरियाणा के हिसार में 10 फरवरी 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत का परिवार एक सामान्य मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से था। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक और 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की।
उन्होंने 1984 में हिसार ज़िला अदालत से वकालत की शुरुआत की और एक वर्ष बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। वर्ष 2001 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) का दर्जा मिला। इसके बाद वे हरियाणा के एडवोकेट जनरल बने और 9 जनवरी 2004 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।
अक्टूबर 2018 में उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया, जिसके बाद मई 2019 में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने।




