एनजीटी ने हामिरपुर नगर निगम को फरवरी 2026 तक 10,000 मीट्रिक टन पुराना कचरा हटाने का निर्देश दिया

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने हिमाचल प्रदेश के हामिरपुर नगर निगम (HMC) को दुगनेरी साइट पर जमा 10,000 मीट्रिक टन पुराने कचरे (legacy waste) को 10 फरवरी 2026 तक पूरी तरह साफ करने का आदेश दिया है।

यह निर्देश एनजीटी की दो-सदस्यीय पीठ—अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल—ने रीता शर्मा एवं अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य मामले की सुनवाई के दौरान दिया। आदेश 17 अक्टूबर को हुई अंतिम सुनवाई के बाद पारित हुआ और बुधवार को इसकी प्रति उपलब्ध कराई गई।

अधिकरण ने दर्ज किया कि हामिरपुर नगर निगम के आयुक्त अभिषेक गर्ग ने एक शपथपत्र दाखिल कर यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि तय समयसीमा के भीतर पूरा पुराना कचरा साफ कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि ताजा और पुराने कचरे के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी, सामान्य परिस्थितियों में नया कचरा नहीं जमा होने दिया जाएगा, और फरवरी 2026 तक पूरा 10,000 मीट्रिक टन कचरा हटाया जाएगा।

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पीठ ने कहा कि पहले दिए गए निर्देशों के बावजूद अब तक केवल थोड़ी मात्रा में ही पुराने कचरे का निस्तारण हुआ है। निगम ने अपने हलफनामे में एक कार्यान्वयन योजना (execution plan) प्रस्तुत की थी, जिसके तहत प्रतिदिन लगभग 17 मीट्रिक टन कचरे को कम्पोस्टिंग, बायो-मीथनेशन, पिगरी (सूअर पालन इकाई) और सूखे कचरे के पृथक्करण के माध्यम से संसाधित किया जाना प्रस्तावित था।

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नगर निगम ने योजना में दो सेपरेटर मशीनों के उपयोग का प्रस्ताव दिया है, जिनकी संयुक्त क्षमता 200–250 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। पुनर्चक्रण योग्य सामग्री अधिकृत रिसाइक्लरों को भेजी जाएगी, आरडीएफ (Refuse Derived Fuel) अंशों को पेपर मिलों में भेजा जाएगा और अक्रिय (inert) अवशेषों का उपयोग लैंडफिल कवर के रूप में किया जाएगा।

निगम ने यह भी बताया कि स्थल पर नए कम्पोस्ट पिट, ओवरहेड शेड, लीचेट प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी और बिजली आपूर्ति को भी सुदृढ़ किया जाएगा।

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अधिकरण ने हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह 10 फरवरी 2026 की समयसीमा पूरी होने के तुरंत बाद दुगनेरी साइट का निरीक्षण करे और अनुपालन की स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

एनजीटी के आदेश में कहा गया कि पुराने कचरे की सफाई में देरी से पर्यावरण और जनस्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है, इसलिए नगर निगम को ठोस कचरा प्रबंधन नियमों के अनुरूप समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।

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