ट्रक क्लीनर के अपहरण के मामले में दिलीप खेड़कर को बॉम्बे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत

 बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेड़कर के पिता दिलीप खेड़कर को अग्रिम जमानत दे दी। उन पर पिछले महीने नवी मुंबई में एक सड़क हादसे के बाद ट्रक क्लीनर के अपहरण का आरोप है।

न्यायमूर्ति एन. आर. बोरकर की एकल पीठ ने अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए शर्तें लगाई हैं। अदालत ने खेड़कर को निर्देश दिया कि वे छह हफ्तों के भीतर पीड़ित क्लीनर प्रह्लाद कुमार को 4 लाख रुपये मुआवजे के रूप में दें और 1 लाख रुपये पुलिस कल्याण कोष में जमा करें

यह घटना 13 सितंबर को मुलुंड–ऐरोली रोड पर हुई थी। एफआईआर के अनुसार, सीमेंट मिक्सर ट्रक ने दिलीप खेड़कर की एसयूवी को हल्का सा छू लिया। इसके बाद खेड़कर, उनके ड्राइवर-कम-बॉडीगार्ड प्रफुल सालुंखे, ट्रक ड्राइवर चंद्रकुमार चव्हाण और क्लीनर प्रह्लाद कुमार के बीच झगड़ा हुआ।

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पुलिस के मुताबिक, खेड़कर और सालुंखे ने कुमार को जबरन अपनी गाड़ी में बैठाया और कहा कि वे उसे थाने ले जा रहे हैं। जब कुमार से ट्रक ड्राइवर बार-बार संपर्क नहीं कर सका तो ट्रक मालिक विलास धरंगे ने शिकायत दर्ज कराई।

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कुमार को कथित तौर पर खेड़कर के पुणे स्थित बंगले में रात भर हिरासत में रखा गया और अगले दिन पुलिस ने उसे वहां से छुड़ाया। सालुंखे को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। घटना के बाद से खेड़कर फरार थे और नवी मुंबई सत्र न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया।

हाईकोर्ट में दायर अपनी अर्जी में खेड़कर ने सभी आरोपों से इनकार किया। उनका कहना था कि आपसी सहमति से यह तय हुआ था कि क्लीनर तब तक उनके साथ रहेगा जब तक वाहन की क्षति का मूल्यांकन किसी गैराज या मैकेनिक द्वारा न हो जाए। उन्होंने दावा किया कि ट्रक ड्राइवर ने ही उन्हें क्लीनर को साथ ले जाने को कहा था। चूंकि देर हो रही थी, इसलिए वे उसे अपने बंगले ले गए जहां से वह अगले दिन सुबह चला गया।

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सत्र न्यायालय ने पहले अग्रिम जमानत से इनकार करते हुए कहा था कि खेड़कर पुलिस की मदद ले सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा न कर जबरन क्लीनर को ले जाकर बंगले में बंद किया

इस मामले में खेड़कर की पत्नी मनोहारा को भी आरोपी बनाया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस को कुमार को छुड़ाने से रोका। सत्र न्यायालय ने उन्हें पहले ही अग्रिम जमानत दे दी थी।

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रबाले पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2) (अपहरण) के तहत मामला दर्ज किया है।

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