कॉपीराइट विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने इलैयाराजा की कंपनी को नोटिस जारी किया, सोनी एंटरटेनमेंट की याचिका पर मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संगीतकार इलैयाराजा की कंपनी Ilaiyaraaja Music N Management Pvt. Ltd. (IMMA) को नोटिस जारी किया है। अदालत ने यह नोटिस सोनी एंटरटेनमेंट की उस याचिका पर जारी किया, जिसमें कंपनी ने मद्रास हाईकोर्ट में दायर नए कॉपीराइट मुकदमे को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है।

मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

सोनी एंटरटेनमेंट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि IMMA ने मद्रास हाईकोर्ट में एक नया मुकदमा दायर किया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इसी प्रकार के ट्रांसफर अनुरोध को खारिज कर चुका है।

Video thumbnail

उन्होंने कहा, “वह एक संगीतकार हैं और मैंने उनके संगीत के अधिकार खरीदे हैं। अब मद्रास हाईकोर्ट में एक नया मुकदमा दायर कर दिया गया है।”

READ ALSO  आदेश XV नियम 5 सीपीसी के तहत गलत सलाह आवेदन को अस्वीकार करने का आधार नहीं हो सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

सिंघवी ने कहा कि कंपनी ने वैध रूप से संगीत रचनाओं के अधिकार खरीदे थे और अब इलैयाराजा की कंपनी पहले से निपटे मामलों को दोबारा मुकदमेबाजी के जरिए उठाने की कोशिश कर रही है।

इससे पहले 28 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलैयाराजा की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने 500 से अधिक संगीत रचनाओं से जुड़े कॉपीराइट विवाद को बॉम्बे हाईकोर्ट से मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी।

READ ALSO  Supreme Court Round-Up for August 1

यह विवाद वर्ष 2022 में शुरू हुआ था, जब Sony Music Entertainment India ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक मुकदमा दायर कर इलैयाराजा म्यूज़िक एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 536 संगीत रचनाओं के उपयोग से रोकने के लिए स्थगनादेश (injunction) की मांग की थी। कंपनी का दावा है कि उसने ये अधिकार Oriental Records और Echo Recording के माध्यम से खरीदे हैं, जिनसे इलैयाराजा का पहले से लंबा कानूनी विवाद चल रहा है।

सिंघवी ने कहा कि दोनों मामलों का कारण (cause of action) अलग है और मद्रास हाईकोर्ट में दायर नया मुकदमा विभिन्न फिल्मों से संबंधित है।

READ ALSO  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पीड़ितों और परिवारों को राशि जारी करने पर ध्यान देने के बाद अपराध के पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान न करने पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका को बंद कर दिया

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मद्रास की कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया, यह कहते हुए कि वह एकतरफा आदेश (ex-parte) के आधार पर चल रही है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “अपनी अर्जी संबंधित अदालत में दीजिए, आप पहले से ही वहां पेश हो चुके हैं,” और फिलहाल कोई स्थगन देने से इनकार कर दिया।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles