इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ुखाना (वजू स्थल) क्षेत्र—जिसमें कथित शिवलिंग को छोड़कर शेष हिस्से—का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 10 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ के समक्ष जब मामला सुनवाई के लिए आया, तो अदालत को बताया गया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश अभी भी लागू है।
सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ एवं अन्य मामले में पारित अपने अंतरिम आदेश में देशभर की किसी भी अदालत को धार्मिक स्थलों के सर्वे सहित कोई प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोका था। साथ ही, यह भी निर्देश दिया था कि यद्यपि नए वाद दायर किए जा सकते हैं, लेकिन उन पर न तो पंजीकरण किया जाएगा और न ही आगे कोई कार्यवाही होगी, जब तक कि शीर्ष अदालत से आगे के निर्देश न आ जाएं।

हाईकोर्ट में दायर पुनरीक्षण याचिका में 21 अक्टूबर 2023 को पारित वाराणसी जिला न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई है। उस आदेश में जिला अदालत ने एएसआई को वज़ुखाना क्षेत्र (विवादित संरचना को छोड़कर) का सर्वे करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था।
यह पुनरीक्षण याचिका राकी सिंह, जो इस मामले में मूल वादकारियों में से एक हैं, द्वारा दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि वज़ुखाना क्षेत्र का सर्वे “न्याय के हित में” आवश्यक है ताकि पूरे परिसर के धार्मिक स्वरूप का निर्धारण किया जा सके।
एएसआई पहले ही ज्ञानवापी परिसर के शेष हिस्सों का वैज्ञानिक सर्वे कर चुका है और अपनी रिपोर्ट वाराणसी जिला न्यायाधीश को सौंप चुका है। वर्तमान याचिका विशेष रूप से वज़ुखाना क्षेत्र से संबंधित है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप पूर्ववर्ती सर्वे से बाहर रखा गया था।