सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान सरकार को निर्देश दिया कि राज्य के प्रत्येक पुलिस थाने में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की संख्या और उनकी लोकेशन का पूरा ब्यौरा अदालत के समक्ष पेश किया जाए। यह आदेश पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरों के सुचारू रूप से काम न करने को लेकर लिए गए स्वतः संज्ञान मामले में पारित किया गया।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने कहा कि हिरासत में मौतों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए निगरानी व्यवस्था का मजबूत होना बेहद आवश्यक है।
पीठ ने यह भी पूछा कि क्या राज्य सरकार इन कैमरों के नियमित ऑडिट कराती है ताकि उनकी कार्यक्षमता की जांच की जा सके। “यदि ऐसा है तो विस्तृत रिपोर्ट और पूरी सांख्यिकीय जानकारी रिकॉर्ड पर प्रस्तुत की जाए,” अदालत ने कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 12 बिंदुओं पर जवाब दो सप्ताह में दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर के लिए तय की।
यह कार्यवाही तब शुरू हुई जब शीर्ष अदालत ने एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया जिसमें खुलासा हुआ था कि साल 2025 के पहले आठ महीनों में राजस्थान में 11 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई, जिनमें से सात घटनाएँ उदयपुर संभाग में दर्ज की गईं।